गुरुवार, 1 अप्रैल 2010

मन पर विजय


पल-पल बाधायें आयेगी,
भटक राह न जाना ।
ठान लिया जो राही तूने,
मंजिल अपनी पाना ।।


 
पथिक नहीं आसान रास्ता,
सूझ-बूझकर कदम बढाना ।

करेंगी मन को बिचलित,
परेशानियां, करके कोई बहाना।।
सयंम व साहस को रखना,
भूल इसे न जाना ।
ठान लिया............................



राही तेरे जीवन पथ में,
सूनामी, आँधी तूफ़ान।
कठिन समस्या विपदाएं,
तहस-नहस करदें वीरान ।।
छण-छण मन को तड़फ़ायेंगीं,
दिल को ढाँढस बधाना ।
ठान लिया............................


मन के हारे हार है,
मन के जीते जीत ।
ईश्वर पर तुम रखो भरोसा,
सब का है वो मीत।।
मानव मन अनमोल है,
मन को है समझाना ।
ठान लिया............................


मंजिल को तुम लक्ष बना,
कौशिश जारी रखना ।
आशावादी सोच बनाना,
साकार सभी हो सपना ।।
मंजिल चरण तुम्हारे चूमे,
मन में सोच जगाना ।
ठान लिया............................


कोई काम होने से पहले,
कठिन बहुत है लगता ।
वही काम हो जाने से,
मन में आये सहजता ।।
इसीलिए तुम राही,
मन पर विजय बनाना ।।
ठान लिया............................