भूत हुआ विगत वर्ष, नूतन बेला आई ।
सपरिवार आप सभी को बारंबार बधाई ।।
घन केशों में गजरा तारे, चक्षु सिंधु समान ।
तिमिर हरण चॉदनी, शशि आभा मुस्कान ।।
तारागण टूट.टूट, दे रहे विदाई ।
सपरिवार आप सभी को बारंबार बधाई ।।
हरियाली की ओढ़ चुनरिया, शवनम सतरंगी ऑचल ।
पदार्पण हो रहा, भूतल रहा मचल मचल ।
सात सुर की राग नियारी पवन चले पुरवाई ।
सपरिवार आप सभी को बारंबार बधाई ।।
सुख समृद्धि खुशहाली से, भर दे मन का उपवन ।
सुप्रभात की प्रथम किरण का करते हैं अभिनंदन ।।
नव वर्ष के सुस्वागत में, रवि किरण उग आई ।
खुशियों की सौगातें, मन मस्ती है लाई ।।
नई चेतना, नई उमंगे, मनोभावना छाई ।
सपरिवार आप सभी को बारंबार बधाई ।।
रखो प्रभु में आस्था, सपने हो साकार ।
धन धान्य और वैभव का, पल-पल मिले उपहार ।।
नये.नये आयामों से, छू लो नई ऊचाई ।
नव वर्ष मंगल मय हो, बारंबार बधाई ।।
सपरिवार आप सभी को बारंबार बधाई ।।
घन केशों में गजरा तारे, चक्षु सिंधु समान ।
तिमिर हरण चॉदनी, शशि आभा मुस्कान ।।
तारागण टूट.टूट, दे रहे विदाई ।
सपरिवार आप सभी को बारंबार बधाई ।।
हरियाली की ओढ़ चुनरिया, शवनम सतरंगी ऑचल ।
पदार्पण हो रहा, भूतल रहा मचल मचल ।
सात सुर की राग नियारी पवन चले पुरवाई ।
सपरिवार आप सभी को बारंबार बधाई ।।
सुख समृद्धि खुशहाली से, भर दे मन का उपवन ।
सुप्रभात की प्रथम किरण का करते हैं अभिनंदन ।।
नव वर्ष के सुस्वागत में, रवि किरण उग आई ।
खुशियों की सौगातें, मन मस्ती है लाई ।।
नई चेतना, नई उमंगे, मनोभावना छाई ।
सपरिवार आप सभी को बारंबार बधाई ।।
रखो प्रभु में आस्था, सपने हो साकार ।
धन धान्य और वैभव का, पल-पल मिले उपहार ।।
नये.नये आयामों से, छू लो नई ऊचाई ।
नव वर्ष मंगल मय हो, बारंबार बधाई ।।