बुधवार, 20 फ़रवरी 2008

पहेली


नारी शब्द बना पहेली, दुनियाँ समझ न पाई ।
जिस पल बेटी बनी धरा पर, खुशियाँ छाई बजी बधाई ।।
बाबुल की लाडली, बीरन की बहिना कहलाई ।

नारी शब्द बना पहेली, ---------------------------------------

चलते- फिरते गिरी भूमि पर, चोट लगी चिल्लाई ।
माँ ने लगा लिया आँचल से, थपकी दे-दे लोरी सुनाई ।।
दादाजी ने सुना कहानी, परी लोक की सैर कराई ।

नारी शब्द बना पहेली, ---------------------------------------

स्कूल पढने जाना, माँ का हाथ बटाना ।
सुसंस्कार पाये जीवन में , सीखा मान बढाना ।।
सदा रहे जीवन खुशहाल माँ से विध्या पाई ।

नारी शब्द बना पहेली, ---------------------------------------

धीरे-धीरे बडे हुये, बीत गया सब बचपन ।
अपना आँगन अपने नाते, सबने दिया अपनापन ।।
हुये सयाने मात-पिता को, शादी चिन्ता आई ।

नारी शब्द बना पहेली, ---------------------------------------

नाडी गुण मिलाते- फिरते, कुंडली गुण- अवगुन ।
धन लोभी दहेज माँगते, दर-दर भटक रहा मन ।।
'मृगतृष्णा' समान, अंधीं वर ढुडाई ।
नारी शब्द बना पहेली, ---------------------------------------


शहर-गांव खोजते घूमे, खाता पीता घर हो ।
कुल में मान, समाज प्रतिष्ठा, ऐसा बेटी वर हो ।।
सुसंस्कार भंडारो बाला, हो हमारा जमाई।

नारी शब्द बना पहेली, ---------------------------------------

वर -बधु के मधुर मिलन की, शुभ बेला है आई ।
दो कुटुम्ब हुये है एक, रब ने जोडी बनाई ।।
अरमानों के सपने सहेजे, गूँज उठी शहनाई।

नारी शब्द बना पहेली, ---------------------------------------

बीज से बनता पौधा, पौधा से पेड बने ।
पेड मे, लगी कली, कली से पुष्प बने ।।
पुष्प है बेटी माली बाबुल, ईश्वर ने यह रीति बनाई ।

नारी शब्द बना पहेली, ---------------------------------------

पुष्प लगे-लगे मुस्काये, बगिया रहे महकाये ।
अनजान सफ़र का राही, तोड इसे ले जाये ।।
बडे जतन से पाला पोषा, रितु जुदाई की आई ।

नारी शब्द बना पहेली, ---------------------------------------

माली बिलखा जाये, बीरानी बगिया छाये ।
सूनी बगिया देख के माली, पल-पल नीर बहाये ।।
बेटी पराया धन है, होती सदा पराई ।

नारी शब्द बना पहेली, ---------------------------------------

जैसी बगिया बबुल महकी, बेटी बैसी महकाना ।
अपने गुणों से बशीभूत कर, खुशियाँ सदा लुटाना ।।
सास- ससुर की सेवा में, रहना सदा सहाई ।

नारी शब्द बना पहेली, ---------------------------------------

रहन-सहन घर आँगन नूतन, नूतन, रिस्तेदार ।
पुनर्जन्म होता नारी का, जीवन में कई बार ।।
अनजाने लोगों में रह कर , नीचट पैठ बनाई ।

नारी शब्द बना पहेली, ---------------------------------------