शनिवार, 9 फ़रवरी 2008

निछावर


बाप मताई नें न समझो,
मूढ़े मोरें धर दयो ।
जनम मोरो कर्जा चुकावे भयो ।।

कर्जा लेकें पालोपोसो,
भारी कर्जा कर दयो ।
कर्जा में जब भारी गुथ गये,
गाने घर है धर दयो ।।

जनम मोरो---------------


भये सियाने होश समारी,
हमें रयो न गयो ।
हल्के-हल्के भाई-वहिन हाँ,
जुम्मे अपने कर लयो ।।

जनम मोरो------------------


पढाओ-लिखाओ ब्याव कराओ,
एक सें दो कर दयो।
नाम बडे और दर्शन छोटे,
घर में ऐसो कर दयो ।।

जनम मोरो------------------

शान शौकत रखवे,
मोये गाने दर दयो ।
मैं जब जब कछू बोलो चालो,
तार-तार कर दयो ।।

जनम मोरो------------------

भाई का है फ़र्ज बताकें,
मोसे ऐसो कह दयो ।।
कुल अपने की लाज बचावे,
मैं सहमों सो रह गयो ।।

जनम मोरो------------------

घर के मुखिया पे जो बीते,
धर सामने दयो ।
बाप-मतारी के करमन नें,
बँधुआ मोहाँ कर दयो ।।

जनम मोरो------------------

भये सियाने भाई-वहिन जब,
बोले मोहाँ का कर दयो ।
बाप मतारी ताने देवें,
वहुयें कहें सब धर लयो ।।

जनम मोरो------------------

ऐसो सब को कहवो,
मन में मोरें गढ गयो ।
जी के लानें मैनें अपनो
जीवन निछावर कर दयो ।।

जनम मोरो------------------

बच्चे मोसें पूछें दद्दा,
मोहाँ का कर दयो ।
जबाब उन्हें मैं दे न पाओ
दिल पै पथरा धर लयो ।।

जनम मोरो------------------